राष्ट्रीय माध्यम-सह-प्रतिभा छात्रवृत्ति योजना (NMMS) 2024: छात्रों को सशक्त बनाना
परिचय
राष्ट्रीय माध्यम-सह-प्रतिभा छात्रवृत्ति योजना (NMMS) भारत में कई छात्रों के लिए आशा की किरण के रूप में उभरी है, जिसका उद्देश्य माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तर पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों में ड्रॉपआउट दर को कम करना है। शिक्षा मंत्रालय द्वारा शुरू की गई यह छात्रवृत्ति योजना 2024 में भी अकादमिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और योग्य छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए जारी है।
NMMS 2024 का अवलोकन
NMMS 2024 कक्षा 8 पास कर चुके और कक्षा 9 में प्रवेश करने वाले छात्रों के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करता है। यहाँ जानने वाली बातें हैं:
- उद्देश्य: वित्तीय प्रतिबंधों के बावजूद अकादमिक उत्कृष्टता वाले छात्रों का समर्थन करना ताकि वे कक्षा 12 तक अपनी पढ़ाई जारी रख सकें।
- छात्रवृत्ति की राशि: प्रत्येक चयनित छात्र को प्रति वर्ष रु. 12,000 प्रदान किए जाते हैं, जो कि छात्र के बैंक खाते में डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से मासिक या त्रैमासिक किश्तों में जमा किए जाते हैं।
- छात्रवृत्ति की संख्या: प्रतिवर्ष 1,00,000 छात्रवृत्तियाँ दी जाती हैं, जिसका अर्थ है कि हर साल काफी संख्या में छात्र इस योजना से लाभान्वित होते हैं।
पात्रता मानदंड
NMMS 2024 के लिए पात्रता में शामिल हैं:
- अकादमिक प्रदर्शन: कक्षा 8 में कम से कम 55% अंक या समकक्ष ग्रेड प्राप्त करना चाहिए, SC/ST छात्रों के लिए 5% छूट दी जाती है।
- आय: छात्र के माता-पिता की सभी स्रोतों से वार्षिक आय रु. 3,50,000 से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- स्कूल का प्रकार: केवल सरकारी, स्थानीय निकाय, या सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के छात्र ही पात्र हैं। केंद्रीय विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय, राज्य या केंद्र सरकार द्वारा संचालित आवासीय स्कूल, या निजी स्कूलों के छात्र पात्र नहीं हैं।
आवेदन प्रक्रिया
- आवेदन की अवधि: परीक्षा से पहले के महीनों में आवेदन प्रक्रिया शुरू होती है, जिसकी समय सीमा राज्य अनुसार भिन्न होती है। 2024 के लिए, आवेदन 15 नवंबर, 2024 तक बढ़ाए गए थे, जिससे अधिक छात्र राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकें।
- दस्तावेजीकरण: आवेदकों को व्यक्तिगत जानकारी, शैक्षणिक रिकॉर्ड और आय का प्रमाण जमा करना होता है।
- परीक्षा: NMMS परीक्षा में दो पेपर शामिल होते हैं:
- मानसिक योग्यता परीक्षण (MAT): तर्क और आलोचनात्मक सोच कौशल की परीक्षा।
- शैक्षणिक योग्यता परीक्षण (SAT): विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, और गणित विषयों को कवर करता है जो कक्षा 7 और 8 के पाठ्यक्रम से होते हैं।
परीक्षा का विवरण
- परीक्षा की तिथि: राज्य द्वारा भिन्न; उदाहरण के लिए, बिहार में परीक्षा 19 जनवरी, 2025 को निर्धारित है, जबकि अन्य राज्य दिसंबर 2024 या जनवरी 2025 में इसे आयोजित कर सकते हैं।
- पैटर्न: दोनों वर्गों की परीक्षा में 90 बहुविकल्पीय प्रश्न होते हैं, प्रत्येक अनुभाग की अवधि 90 मिनट होती है।
परीक्षा के बाद की प्रक्रिया
- परिणाम: परिणाम आमतौर पर परीक्षा के कुछ महीने बाद घोषित किए जाते हैं, जैसे महाराष्ट्र में फरवरी 2025 में परिणाम घोषित किए जाते हैं, इसके बाद अप्रैल में चयन सूची जारी की जाती है।
- निरंतरता: छात्रवृत्ति बनाए रखने के लिए, छात्रों को कक्षा 9, 10, और 11 में 55% और कक्षा 10 बोर्ड परीक्षा में 60% अंक प्राप्त करने होते हैं। SC/ST छात्रों के लिए ये प्रतिशत 5% कम होते हैं।
प्रभाव और महत्व
NMMS न केवल वित्तीय बोझ को कम करता है बल्कि छात्रों को अकादमिक कठोरता बनाए रखने के लिए भी प्रेरित करता है। यह:
- शैक्षिक समानता: कम विशेषाधिकार प्राप्त पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों के लिए शिक्षा के अवसर को समान बनाता है।
- शिक्षा में प्रतिधारण: यह शिक्षा जारी रखने के लिए छात्रों को वित्तीय साधन प्रदान करके ड्रॉपआउट दर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- सशक्तीकरण: छात्रवृत्ति एक कदम है जो आगे की शिक्षा को प्रोत्साहित करती है और संभवतः गरीबी के चक्र को तोड़ सकती है।
निष्कर्ष
NMMS 2024 केवल वित्तीय सहायता नहीं है; यह भारत की आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना प्रतिभा को निखारने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। देश भर के छात्रों के लिए, NMMS बड़े सपने देखने, लंबे समय तक पढ़ाई करने और समाज में सकारात्मक योगदान देने का अवसर है। शिक्षकों और नीति-निर्माताओं के लिए, यह सुलभ शिक्षा के महत्व की याद दिलाता है जो एक ज्ञानवान और न्यायसंगत समाज के निर्माण में सहायक है।
विस्तारित आवेदन समय-सीमा और व्यापक सहायता संरचना के साथ, NMMS 2024 भारत के शैक्षिक परिदृश्य को आकार देने में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम बना हुआ है।
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